Indicators on shiv chalisa lyricsl You Should Know
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सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥ ॐ जय शिव…॥
मैना मातु की ह्वै दुलारी। बाम अंग सोहत छवि न्यारी॥
शिव भजन
दुष्ट सकल नित मोहि सतावै । भ्रमत रहे मोहि चैन न आवै॥
अथ श्री बृहस्पतिवार व्रत कथा
एक कमल प्रभु राखेउ जोई। कमल नयन पूजन चहं सोई॥
कर त्रिशूल सोहत छवि भारी। करत सदा शत्रुन क्षयकारी॥
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥
आज के युग में शिव चालीसा पाठ व्यक्ति के जीवन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। शिव चालीसा लिरिक्स की सरल भाषा के मध्यम भगवान Shiv chaisa शिव को आसानी से प्रसन्न किया जा सकता है।
भजन: शिव शंकर को जिसने पूजा shiv chalisa lyricsl उसका shiv chalisa lyricsl ही उद्धार हुआ
अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन छार लगाये॥
स्तुति चालीसा शिवहि, पूर्ण कीन कल्याण॥
कहे अयोध्या आस तुम्हारी। जानि सकल दुःख हरहु हमारी॥
पण्डित त्रयोदशी को लावे। ध्यान पूर्वक होम करावे॥